माकपा ने स्थायी समिति के अध्यक्ष को हटाया, तिरुवनंतपुरम निगम में विपक्ष का आंदोलन समाप्त

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अस्थायी नियुक्तियों के संबंध में दो कथित पत्रों को लेकर स्थानीय नगर निकाय में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस का करीब दो महीने से चला आ रहा विरोध प्रदर्शन शनिवार को उस वक्त समाप्त हो गया, जब सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस मामले में आरोपों का सामना कर रहे स्थायी समिति के अध्यक्ष को हटा दिया।
तिरुवनंतपुरम नगर निगम में एलडीएफ के संसदीय दल के नेता डी आर अनिल ने सत्तारूढ़ पार्टी के निर्देशानुसार लोक निर्माण स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

भाजपा और कांग्रेस ने शुक्रवार को यहां स्थानीय स्वशासन मंत्री एमबी राजेश के तत्वावधान में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान अनिल को हटाने का आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शन खत्म करने का फैसला किया।
नगर निकाय में पिछले 56 दिनों से व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी था।
यह विवाद नवंबर की शुरुआत में उन दो पत्रों के मीडिया में आने के साथ शुरू हुआ था, जो मेयर आर्य राजेंद्रन और अनिल के लेटर-हेड पर माकपा के जिला सचिव अनवूर नागप्पन को पार्टी कैडर की अस्थायी नियुक्तियों के संबंध में लिखा गया था।

राजेंद्रन द्वारा कथित पत्र जहां निगम में अस्थायी नियुक्तियों के संबंध में था, वहीं अनिल का कथित पत्र यहां के सरकारी एसएटी अस्पताल में संविदा नियुक्तियों के संबंध में था।
मेयर ने स्पष्ट रूप से आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा पत्र नहीं लिखा था, हालांकि अनिल ने स्वीकार किया था कि उन्होंने ऐसा पत्र तैयार किया था, लेकिन इसे पार्टी के जिला सचिव को नहीं भेजा था।

इस बीच, भाजपा जिलाध्यक्ष वीवी राजेश ने कहा कि पार्टी अनिल के इस्तीफे के मद्देनजर नगर निगम के सामने अपने पार्षदों के आंदोलन को अस्थायी रूप से वापस ले लेगी, लेकिन महापौर के इस्तीफे की मांग को लेकर आंदोलन का अन्य तरीका अख्तियार करेगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम के मद्देनजर पार्टी द्वारा सात जनवरी को प्रस्तावित हड़ताल को भी वापस ले लिया गया है।
राजेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, निगम के सामने आंदोलन फिलहाल वापस लिया जाता है। निगम में भ्रष्टाचार और पिछले दरवाजे से नियुक्तियों के खिलाफ अन्य अभियान और आंदोलन जारी रहेंगे। हम महापौर आर्य राजेंद्रन के इस्तीफे की अपनी मांग पर मजबूती से कायम हैं।



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