मंगलुरु विस्फोट पर बोम्मई ने कहा, कांग्रेस आंतकवाद के मुद्दे को हल्का नहीं करे

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई ने मंगलवार को कांग्रेस से कहा कि वह राज्य में आतंकवाद के मुद्दे को हल्का नहीं करे।
कर्नाटक में आतंकवादी गतिविधियों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी.रवि ने विधानसभा में चर्चा की शुरुआत की और इस दौरान बोम्मई की यह टिप्पणी सामने आई।
सत्तारूढ़ भाजपा ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं कनकपुरा से विधायक डी.के. शिवकुमार ने पुलिस महानिदेशक(डीजीपी) प्रवीण सूद की ईमानदारी पर सवाल उठाया है।

भाजपा ने शिवकुमार की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है जिसमें कथित तौर पर कहा गया था कि 19 नवंबर को मंगलुरु में हुआ कुकर बम विस्फोट कथित मतदाता डाटा चोरी से जनता का ध्यान भटकाने के लिए था।
रवि ने मंगलुरु में कुकर बम विस्फोट सहित कर्नाटक में आतंकवाद संबंधी गतिविधियों को रेखांकित किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सूद की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने सभी तरह की चोरी देखी है, लेकिन मतदाता डाटा चोरी नहीं देखी है जिसमें एक निजी संगठन मतदाताओं का डाटा चोरी करने के लिए आठ हजार ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को नियुक्त करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने आतंकवाद में अपने नेताओं को खोया है और हम इसका विरोध करते हैं।’’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि शिवकुमार द्वारा मंगलुरु विस्फोट पर दिया गया बयान ऐसा प्रतीत होता है कि वह आरोपी को निर्दोष बता रहे हैं। उन्होंने रेंखाकित किया कि मामले की गंभीरता का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता कि प्रकरण की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रही है।
बोम्मई ने शिवकुमार के मतदाताओं का आंकड़ा चोरी करने के आरोप को भी खारिज करते हुए कहा कि मतदाताओं के नाम जोड़ने और हटाने का काम हम नहीं करते और यह भाजपा की संस्कृति का हिस्सा नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मतदाताओं के मामले में कदम उठाएंगे। हमें छिपाने की जरूरत नहीं है, लेकिन आपसे कहते हैं कि आतंकवाद के मुद्दे को हल्का न बनाए।’’
इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्य के गृहमंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने कहा कि पुलिस महानिदेशक की ईमानदारी पर सवाल उठाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस महानिदेशक की ईमारदारी पर उनके बयान की वजह से सवाल उठाया गया, लेकिन राज्य की कानून व्यवस्था पर डीजीपी नहीं बात करेंगे तो कौन करेगा? मैं ऐसे बयान की निंदा करता हूं।



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