Jammu and Kashmir: आरक्षित श्रेणी के कर्मियों ने 290 दिनों से जारी हड़ताल स्थगित की

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पिछले साल अपने सहयोगियों की लक्षित हत्या के कारण कश्मीर छोड़ने वाले आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों ने शुक्रवार को ऐलान किया कि उन्होंने घाटी से दूर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर 290 दिनों से जारी अपनी हड़ताल को स्थगित कर दिया है।
आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों के संघ के नेता कुलदीप कुमार ने कहा कि पिछले दो हफ्तों के दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और 10 सदस्यीय समन्वय समितिके बीच कई दौर की वार्ता के बाद हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया गया।

आंदोलन स्थगित करने का यह फैसला घाटी में प्रधानमंत्री पैकेज के तहत तैनात कश्मीरी पंडितों के उस निर्णय के एक पखवाड़े बाद आया है जिसमें उन्होंने अपने 310 दिन से जारी आंदोलन को स्थगित करने का ऐलान किया था।
इनमें से अधिकतर कर्मचारी कश्मीर में अपनी तैनाती वाले स्थान पर पहुंचकर गये हैं।घाटी में तैनात जम्मू के रहने वाले आरक्षित श्रेणी के सैकड़ों कर्मचारियों और प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने पिछले साल मई में रजनी बाला और राहुल भट की हत्या के बाद भागकर जम्मू में शरण ली थी।

भट की मध्य कश्मीर के बडगाम स्थित उनके कार्यालय में 12 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि स्कूल शिक्षिका बाला की कुलगाम में 31 मई को हत्या कर दी गई थी।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आरक्षित श्रेणी के 3500 कर्मचारियों में से अधिकांश घाटी में पहले से ही सेवा दे रहे हैं जो 15 साल से अधिक से काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुरक्षा चिंताओं को दूर करने और उचित आवासन के लिए कोई तबादला नीति लाये।’’
कुमार ने कहा कि संगठन ने इस समय आंदोलन इसलिये स्थगित करने का ऐलान किया क्योंकिप्रशासन ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनकी सभी समस्याओं को समयबद्ध तरीके से दूर किया जाएगा।



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