आज पूरी दुनिया में शरणार्थी एक बहुत बड़ी समस्या बन गए हैं। पोलैंड हो या जर्मनी सीमा संकट को लेकर सभी की मुश्किलें लगभग एक जैसी हैं। युद्ध, आभाव, असुरक्षा या बेहतर जिंदगी की चाहत जिसकी वजह से लाखों लोग अपना देश घर-बार छोड़कर किसी और देश का रूख कर लेते हैं। कुछ साल पहले की ही बात है सीरिया, अफगानिस्तान, इराक जैसे युद्धग्रस्त देशों से रिकॉर्ड संख्या में लोग यूरोप में शरण लेने पहुंचे। जिसका नतीजा ये हुआ कि पूरा यूरोप प्रवासी संकट की चपेट में आ गया। शुरुआत में उन्हें यूरोप के लोगों की सहानभूति मिली। लेकिन फिर देखते ही देखते ये तस्वीर बदल गई।
किस देश में हैं सबसे ज्यादा शरणार्थी
फिलहाल जर्मनी यूरोप का अकेला अमीर देश हैं जहां सबसे ज्यादा शरणार्ती हैं। साल 2022 की शुरुआत में उसने 1.2 मिलियन शरणार्थियों को होस्ट किया। इसकी संख्या साल 2023 में दोगुनी हो गई। वहां रहते लोगों में लगभग नौ लाख यूक्रेनियन हैं, जबकि लगभग पौने 7 लाख लोग सीरिया से आए हैं। इनके अलावा अफगानिस्तान, इराक और मीडिय ईस्ट के दूसरे देशों से भी शरणार्थी यहां रह रहे हैं।
लगाम लगाने की कोशिशें जारी
जर्मनी के कई राज्य और शरणार्थियों को लेने से कतराने लगे हैं। मई में इस पर काफी बैठकें भी हुई और संख्या सीमित करने का फैसला लिया गया। फिलहाल शरणार्थियों के आवेदन को सलेक्ट या रिजेक्ट होने में करीब 26 महीने लगते हैं। जर्मनी बॉर्डर का बड़ा भाग पेट्रोलिंग से बचा रहता है। अभी ऑस्ट्रिया से लगी हुई सीमा पर ही सख्त चेकिंग है। जबकि डेनमार्क, फ्रांस, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, पोलैंड, बेल्जियम, स्विजरलैंड और चेक गणराज्य से भी देश की सीमाएं साझा हैं। यहां तक आवाजाही खुली हुई रही। अब बात हो रही है कि यहां भी सेफ्टी रखी जाए ताकि दूसरे देशों से होते हुए शरणार्थी जबरन न घुस जाएं।