कोटा उत्तर में गहलोत और वसुंधरा के करीबी आमने-सामने, विकास बनाम भ्रष्टाचार की लड़ाई

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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भरोसेमंद माने जाने वाले दो नेता कोटा उत्तर विधानसभा क्षेत्र में एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं।
राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री शांति धारीवाल एक बार फिर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तो भाजपा ने वसुंधरा राजे के करीबी प्रह्लाद गुंजल को टिकट दिया है।
धारीवाल को उम्मीद है कि विकास कार्यों के जरिये कोटा की कायापलट करने के लिए जनता एक बार फिर से उन्हें अपना आशीर्वाद देगी तो भाजपा उम्मीदवार 2013 की तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को मात देने की आस लगाए हुए हैं।
इस क्षेत्र में कांग्रेस विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं को आगे करके चुनाव लड़ रही है तो भाजपा ‘हिंदुत्व’ और कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे के आधार पर चुनौती पेश कर रही है।

अशोक गहलोत सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग के मंत्री धारीवाल को कांग्रेस में गहन मंथन के बाद टिकट दिया गया है क्योंकि वह उन तीन नेताओं में से एक हैं जिन्होंने सितंबर 2022 में पार्टी विधायक दल की बैठक से इतर विधायकों की बैठक बुलाई थी। कांग्रेस नेतृत्व ने इसे अनुशासन हीनता बताया था और धारीवाल समेत तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
कोटा शहर के मतदाता और स्थानीय रिक्शा चालक अमृत चौहान ने कहा, ‘‘भाजपा इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करेगी। हालांकि मैं भाजपा समर्थक हूं, लेकिन इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि धारीवाल ने विकास कार्य किए हैं और कोटा को नया स्वरूप दिया है। लेकिन क्या उन्हें वोट मिलेंगे और जीत हासिल होगी, यह देखने वाली बात होगी।’’

कांग्रेस का कहना है कि उसकी सरकार के दौरान कोटा का कायपलट हो गया। कोटा में जो विकास कार्य हुए हैं उनमें यहां की प्रमुख रिवरफ्रंट परियोजना भी शामिल है।
दूसरी तरफ, गुंजल का आरोप है कि धारीवाल ने ‘भारी भ्रष्टाचार’ किया है। वह कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लोगों के बीच उठा रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार में धारीवाल द्वारा पिछले साल बलात्कार के विषय पर दिए गए एक बयान का हवाला देकर उन पर निशाना साध रहे हैं।
धारीवाल ने कथित तौर पर कहा था कि ‘राजस्थान मर्द का प्रदेश है।’
राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 25 नवंबर को मतदान होना है। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।



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