Samajwadi Party की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक कोलकाता में रख कर अखिलेश यादव ने दिये हैं अहम राजनीतिक संदेश

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मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पहली बैठक हो रही है। इस बैठक में साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी की रणनीति बनाई जायेगी। अखिलेश यादव ने इस बार बैठक उत्तर प्रदेश के किसी शहर में नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रखी है। माना जा रहा है कि अखिलेश और ममता मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान ममता बनर्जी ने समाजवादी पार्टी के लिए प्रचार भी किया था और सपा ने तृणमूल कांग्रेस के प्रसिद्ध चुनावी नारे खेला होबे का उपयोग उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान करते हुए यूपी में भी खेला होबे का नारा लगाया था।
शुक्रवार को जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कोलकाता पहुँचे तो पार्टी नेताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अखिलेश ने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के नेताओं और जन प्रतिनिधियों को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। सपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करने कोलकाता आए अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी से मुलाकात कर विपक्षी गठबंधन बनाने की संभावनाओं को भी तलाशेंगे।

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उन्होंने कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग भाजपा के राजनीतिक हथियार हैं। बंगाल में तो कम मामले हैं। उत्तर प्रदेश में हमारे कई विधायक और नेता झूठे और मनगढ़ंत मामलों में जेल में हैं।’’ अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘जो विपक्षी नेता भाजपा को चुनौती देते हैं, वह उन्हें परेशान करने के लिए ईडी और सीबीआई को भेज देती है।’’
हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 18 मार्च से कोलकाता में आयोजित होगी। पार्टी सूत्रों ने बताया है कि इसमें इस साल होने वाले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा होगी। हम आपको यह भी बता दें कि ममता बनर्जी कह चुकी हैं कि वह किसी विपक्षी गठबंधन में शामिल नहीं होंगी वहीं समाजवादी पार्टी भी कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही है। ऐसे में देखना होगा कि क्या अखिलेश तीसरा मोर्चा खड़ा करने का प्रयास करेंगे।
बहरहाल, इस बैठक के लिए अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को साथ लेकर कोलकाता पहुँचे अखिलेश यादव ने संकेत दिये हैं कि यादव परिवार में पारिवारिक कलह सुलझ चुकी है और अब पार्टी को आगे बढ़ाने पर ध्यान दिया जायेगा।



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